शेष सर्प का अर्थ
[ shes serp ]
शेष सर्प उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पुराणों के अनुसार हजार फनों वाला वह नाग जिसके फनों पर यह पृथ्वी ठहरी हुई है:"शेषनाग हिन्दुओं के एक देवता माने जाते हैं"
पर्याय: शेषनाग, सर्पराज, धरणीधर, नागेश, सहस्त्रानन, महिधर, अनंतदेव, अनन्तदेव, शेष, फणींद्र, फणीन्द्र, फनिंद, नागराज, नागाधिप, धराधार, अहिनाह, अहिपति, अहीश, भूमिधर, अनंतशीर्ष, अनन्तशीर्ष, आलुक
उदाहरण वाक्य
- श्रीरंगम मंदिर तिरुच्चिरापल्ली से लगभग 2 कि . मी. उत्तर में स्थित है और यहां मुख्य मूर्ति भगवान रंगनाथ अर्थात भगवान विष्णु की है, जो आदि शेष सर्प पर विश्राम कर रहे हैं, इस सर्प के पांच शीश हैं और इसके फन चौड़े हैं।
- # भूमिका में मौलूराम जी लिखते हैं - “ हो सकता है कि नाग मूल में अर्ध मानव या अर्ध सर्प रहे हों , और इन में से धीरे - धीरे मनुष्य के गुण और स्वरूप अधिक उभर आए हों , वे मानव जाति के रूप में फैल गए हों और शेष सर्प जाति में ही रहे होंगे ।
- कुछ और तथ्य सुधार लीजिये -लवली गोस्वामी का ब्लॉग था भारतीय भुजंग ! उसके बंद होने के बाद सर्प संसार की शुरुआत हुई -सर्प संसार की सफलता का इक परोक्ष क्रेडिट उनका भी है -अगर उन्होंने भारतीय भुजंग न बंद किया होता तो सर्प संसार की शुरुआत ही न हुयी होती -मेरे तमाम लेख भारतीय भुजंग के साथ ही दफ़न हो गए -उन कई के स्मृति शेष सर्प संसार में है !